महाकुंभ नगरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों और विभिन्न विभागों के बीच सहज समन्वय के साथ महाकुंभ की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं. प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने व्यापक प्रयासों पर जोर देते हुए कहा, "इस भव्य आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए हर संस्था सक्रिय रूप से लगी हुई है."
'महाकुंभ केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं'
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि प्रयागराज के लिए अपने उत्कृष्ट आतिथ्य को प्रदर्शित करने का एक असाधारण अवसर भी है. उन्होंने प्रयागराज के लोगों से इस आयोजन को सफल बनाने और शहर की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाने में सहयोग करने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने बताया कि स्मारक "सनातन गौरव महाकुंभ" की तैयारियां अच्छी तरह से चल रही हैं. उन्होंने बताया, "अब तक 20,000 से अधिक संतों और संस्थाओं को व्यापक पंजीकरण प्रक्रिया के माध्यम से भूमि आवंटित की जा चुकी है. इसमें सभी 13 अखाड़ों, दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा, प्रयागवाल सभा, खाक चौक और अन्य को आवंटन शामिल हैं. शेष और नए पंजीकृत संस्थानों के लिए आवंटन प्रक्रिया 5 जनवरी तक पूरी करने के प्रयास जारी हैं."
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि "डबल इंजन सरकार" इस भव्य आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए भूमि और अन्य आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान महाकुंभ 2025 के लिए कई प्रमुख विकास और चल रही तैयारियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि आयोजन के लिए पोंटून पुलों की संख्या 22 से बढ़ाकर 30 कर दी गई है, जो महाकुंभ के लिए पहली बार है. इनमें से 20 का काम पूरा हो चुका है और 30 दिसंबर तक सभी 30 पुलों का काम पूरा करने का प्रयास जारी है.
'समय सीमा को पूरा करने के लिए काम तेजी से चल रहा'
सीएम ने कहा कि 651 किलोमीटर की योजनाबद्ध चेकर्ड प्लेट में से 330 किलोमीटर पहले ही बिछाई जा चुकी है और समय सीमा को पूरा करने के लिए काम तेजी से चल रहा है. मुख्यमंत्री के अनुसार, साइनेज लगाने का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है, मेला ग्राउंड में 250 साइनेज पहले ही लगाए जा चुके हैं और पूरे शहर में 661 साइनेज लगाए जा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जल निगम गंगा के निर्बाध और स्वच्छ प्रवाह पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्वपूर्ण पहल कर रहा है. सिंचाई विभाग द्वारा संगम पर पर्याप्त जल स्तर बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस वर्ष गंगा और यमुना नदियों की अभूतपूर्व उदारता का उल्लेख किया, जिसमें नहाने और पीने के लिए पर्याप्त स्वच्छ पानी है. विभिन्न स्थानों पर कार्यात्मक एसटीपी यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी औद्योगिक अपशिष्ट, सीवेज या जल निकासी नदियों में न जाए. इसके अलावा जल शोधन के लिए बायोरेमेडिएशन और जियो-ट्यूब तकनीक लागू की जा रही है.
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