नई दिल्ली: भारत में विदेशी नागरिकों की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में इमिग्रेशन और विदेशी विधेयक-2025 पेश किया. यह कानून अवैध प्रवेश और ठहराव को रोकने के लिए कड़े प्रावधान लाता है.
बिना वैध पासपोर्ट प्रवेश पर 5 साल की सजा
नए विधेयक के तहत, भारत में प्रवेश करने के लिए किसी भी विदेशी नागरिक के पास वैध पासपोर्ट और वीज़ा होना अनिवार्य होगा. यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से देश में प्रवेश करता है, तो उसे 5 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है.
इसके अलावा, यदि कोई भारतीय नागरिक किसी विदेशी को अवैध रूप से देश में लाने, ठहराने या बसाने में मदद करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल या 2 से 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.
सरकार को मिलेगी सुरक्षा संबंधी विशेष शक्तियां
नए कानून के तहत, यदि सरकार को किसी विदेशी नागरिक से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा महसूस होता है, तो उसे भारत में प्रवेश करने से रोका जा सकता है. इसके अलावा, किसी भी शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल या निजी आवास में रहने वाले विदेशी नागरिकों की जानकारी सरकार को देना अनिवार्य होगा.
विदेशी नागरिकों के लिए अनिवार्य रजिस्ट्रेशन
भारत में प्रवेश करने वाले सभी विदेशी नागरिकों को अराइवल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. यदि कोई व्यक्ति वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रुकता है या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करता है, तो उसे 3 साल तक की जेल और 3 लाख रुपये तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है.
जाली दस्तावेजों पर कड़ी कार्रवाई
यदि कोई विदेशी नागरिक फर्जी पासपोर्ट या वीज़ा का उपयोग करता है, तो उसे 7 साल तक की जेल और 1 से 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है.
भारत में विदेशी आगमन की स्थिति
भारत वर्तमान में फिजिकल और ई-वीज़ा दोनों प्रदान करता है. जापान, दक्षिण कोरिया और यूएई के नागरिकों को वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा मिलती है. गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच 98.40 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक भारत आए.
विपक्ष का विरोध
लोकसभा में इस विधेयक का विपक्षी दलों ने विरोध किया. तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने आशंका जताई कि यह कानून विदेशी प्रतिभाओं के प्रवाह को रोक सकता है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह कानून सरकार को विचारधारा से असहमत विदेशी नागरिकों को प्रवेश से रोकने का हथियार दे सकता है.
हालांकि, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने स्पष्ट किया कि यह विधेयक किसी को रोकने के लिए नहीं, बल्कि भारत आने वाले हर व्यक्ति को देश के कानूनों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा, "देश की सुरक्षा और संप्रभुता सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है."
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