18 चोर MP पुलिस को महीने भर देते रहे चकमा, इन्हें दबोचकर जब्त कीं 162 बाइक्स

    एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने पिछले महीने में उज्जैन जिले में अंतरराज्यीय बाइक लूट के मामलों में शामिल 18 लोगों को गिरफ्तार किया है और 162 बाइक बरामद की हैं.

    18 thieves kept dodging MP Police for a month caught them and seized 162 bikes
    चोरी की हुई 162 बाइक/Photo- Internet

    उज्जैन (मध्य प्रदेश): एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस ने पिछले महीने में उज्जैन जिले में अंतरराज्यीय बाइक लूट के मामलों में शामिल 18 लोगों को गिरफ्तार किया है और 162 बाइक बरामद की हैं.

    अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने वाहन चोरी के मद्देनजर गहन विश्लेषण किया और पिछले महीने में कठोर वाहन जांच अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने बड़ी संख्या में बाइक जब्त कीं.

    उन क्षेत्रों से 150 से अधिक मोटरसाइकिलें बरामद की

    उज्जैन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रदीप शर्मा ने एएनआई को बताया, "हमने पिछले एक महीने में वाहन चोरी को लेकर हॉटस्पॉट विश्लेषण किया था और उसके बाद हमने उस दौरान लगातार विभिन्न स्थानों पर वाहन चेकिंग की थी. अब तक, जहां अपराध में शामिल लोग रहते हैं और साइबर टीम द्वारा विकसित जानकारी के आधार पर हमने उन क्षेत्रों से 150 से अधिक मोटरसाइकिलें बरामद की हैं."

    अधिकारी ने कहा, जब्त की गई अधिकांश मोटरसाइकिलें अज्ञात हैं और उनका प्रयास बाइकों को उनके असली मालिक तक पहुंचाने का है.

    हमने बाइकों को पुलिस लाइन में खड़ा किया है

    उन्होंने कहा, "हमने बाइकों को थाने में खड़ा करने के बजाय पुलिस लाइन में खड़ा किया है ताकि लोग आएं, बाइक देखें, उनकी पहचान करें और कानूनी प्रक्रिया का पालन करें. पूरी पुलिस टीम ने बहुत मेहनत की है और उन सभी को उचित पुरस्कार दिया गया है."

    एसपी शर्मा ने आगे कहा कि जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में अपराध के सिलसिले में पुलिस पहले ही 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. कुछ आरोपी फरार हैं और उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की जा रही है.

    मामले में 18 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया

    अधिकारी ने कहा, "हमने जिले के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में इस मामले में 18 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. कुछ लोग फरार हैं. जैसा कि उल्लेख किया गया है, हमारी टीम ने अपराधों में शामिल लोगों के कई स्थानों पर छापे मारे और साइबर डेटा के साथ उनका विश्लेषण किया. हमने विभिन्न स्थानों पर उनके आंदोलन के पैटर्न को समझा. ये राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई जिलों में ऐसे अपराध करते हैं. आरोपियों के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड भी हैं जिन्हें हमने संबंधित जिले से तलब किया है."

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